इस बार 19 अक्टूबर को देशभर में दशहरे का त्यौहार मनाया जाएगा. हमारे देश में तो ऐसा कोई भी नहीं है जो रावण को नहीं जानता होगा. रावण भले ही एक ब्राह्मण हो लेकिन उसे बुराई का प्रतिक माना जाता है. भगवान राम ने सीता माता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए उसका वध कर दिया था. अब तक सभी को भगवान राम और रावण के युद्ध तक की कहानी ही पता है और इसके बाद क्या हुआ था इस बारे में शायद ही बहुत कम लोग जानते है. श्रीलंका में आज भी कई ऐसी जगह है जहां पर रामायण काल की कुछ निशानियां आज भी मौजूद है. रिसर्च में भी श्रीलंका में करीब 50 ऐसे स्थान पाए गए हैं जिसका सम्बन्ध रामायण काल से है.
रिसर्च में ये भी पाया गया था कि रैगला के जंगलों में बड़ी से पहाड़ी में एक गुफा बनी हुई है और इस गुफा को रावण की गुफा के नाम से जाना जाता है. दरअसल ये वो ही गुफा है जहां पर बैठकर रावण ने तपस्या कर सभी शक्तियां प्राप्त की थी. इस गुफा के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यहाँ पर आज भी रावण का शव मौजूद है. दरअसल भगवान राम द्वारा रावण का शव विभीषण को सौंपा गया था और विभीषण ने रावण का अंतिम संस्कार भी किया था की नहीं ये शायद कोई भी नहीं जानता है.
ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि इस गुफा के अंदर एक 17 फुट लम्बा ताबूत रखा हुआ है और उस ताबूत के अंदर ही रावण का शव है. अब आपके दिमाग में भी ये सवाल आ रहा होगा कि इतने सालों में तो रावण का शव गलकर खत्म हो गया होगा? तो हम आपको बता दें इस ताबूत के चारों ओर एक खास तरह का लेप भी लगा है और इसके कारण ही वो आज तक सुरक्षित है. आपकी जानकारी के लिए बता दें पहले के समय में मिस्र में ममी बनाने की परंपरा थी. यहाँ के पिरामिडो में आज भी हजारों साल से कई राजाओं के शव रखे हैं. उस समय शैव संप्रदाय में समाधि देने की रस्म थी और ऐसा कहा जाता है कि रावण शैवपंथी था.
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