सावन का महीना चल रहा है और हर जगह शिव भक्त ही दिखाई दे रहे हैं. चारों ओर बम-बम के नारे लगाए जा रहे हैं और भक्त शिवभक्ति में डूबे हुए हैं. ऐसे ही दुनिया में कई शिव मंदिर हैं जहाँ की अलग-अलग कथाएं हैं. ऐसे ही एक मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जो लंकापति रावण और उनकी पत्नी मंदोदरी से जुड़ा हुआ है. सभी जानते हैं रावण भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त था. उससे बड़ा भक्त आज भी कोई नहीं रहा वहीँ उनकी पत्नी मंदोदरी भी भगवान शिव को पूजती थी. आइये बता देते हैं कौनसे मंदिर की बात कर रहे हैं.
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दरअसल, हम बात कर रहे हैं मेरठ सदर स्थित बिल्वेश्वर नाथ शिव मंदिर की जहां से एक मान्यता जुड़ी है. इस गाँव में मंदिर को काफी पूजा जाता है और खास भी माना जाता है. सावन के महीने में लोग दूर-दूर से आते हैं और यहां पर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं और धर्म लाभ कमाते हैं. कहा जाता है इस मंदिर में मंदोदरी भी भगवान शिव का जलाभिषेक करती थी और इसी दौरान रावण और मंदोदरी की मुलाकात हुई थी. हिन्दू शास्त्रों में इस बात का उल्लेख भी है. मंदोदरी की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने इस मंदिर में उन्हें दर्शन दिए थे. इस मंदिर के शिवलिंग को सिद्धपीठ के नाम से भी जाना जाता है.
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माना जाता है यहां पर आने से आपकी हर मुराद पूरी होती है इसलिए लोग दूर से यहां आते हैं. मेरठ को रावण का ससुराल भी कहा जाता है. मंदोदरी मय दानव की पुत्री थीं इसलिए मेरठ का नाम पहले मयदन्त का खेड़ा था जो मय दानव की राजधानी थी. इतना ही नहीं कांवड़िये भी इस मंदिर में आ कर जल चढ़ाते हैं और मुरादें पूरी करते हैं.
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