नई दिल्ली: Tokyo Olympics के फाइनल मैच में रवि दहिया की हार हुई है. उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. इस हार पर रवि दहिया के पिता ने कहा है कि उन्हें स्वर्ण पदक की उम्मीद थी. वहीं परिजन बता रहे हैं कि यदि विरोधी खिलाड़ी ने ब्रेक नहीं लिया होता, तो दहिया जरूर इस मुकाबले में जीत जाता. रवि के परिजनों ने जोर देते हुए कहा है कि दूसरे पक्ष ने चालाकी की है.
बता दें कि फाइनल मैच में रवि दहिया को रूस के रेसलर जावुर युगुऐव ने 7-4 से मात दी है. रवि ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले भारत के दूसरे रेसलर हैं. इससे पहले सुशील कुमार 2012 ओलंपिक में फाइनल में पहुंच कर रजत पदक जीत चुके हैं. ऐसे में परिवार को दहिया की कामयाबी पर खुशी है, किन्तु उन्हें इस बात की नाराजगी भी है कि मैच का नतीजा कुछ और भी हो सकता था. परिजनों के अनुसार, जावुर युगुऐव ने मेडिकल के नाम पर कुछ समय बर्बाद किया था. उन्होंने आराम के लिए गेम को कुछ देर के लिए रुकवा दिया था. यदि ऐसा नहीं होता तो स्वर्ण पदक दहिया के नाम होता. उनकी नजरों में मुकाबला लगातार जारी रहता तो दहिया जरूर जावुर को हरा देते.
बता दें कि मुकाबले से पहले तक तो रवि दहिया के परिवार को पूरी उम्मीद थी कि इस बार देश के नाम स्वर्ण पदक आएगा. उनके पिता राकेश दहिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि देश को उन पर पूरा विश्वास है और वे गोल्ड अवश्य जीतेंगे. किन्तु अब जब वो सपना टूटा है, तो पिता भी थोड़े निराश हैं. वैसे पिता जरूर थोड़े मायूस हैं, किन्तु पीएम मोदी ने रवि दहिया का मनोलब बढ़ाया है. मैच के तुरंत बाद उन्होंने ट्वीट कर रवि को बधाई दी है.
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