नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ बजट सत्र शुरू हुआ. किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर 18 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण का बहिष्कार किया. विपक्षी दलों की तरफ से किए गए बहिष्कार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि उनके अभिभाषण का बॉयकॉट किया गया. कांग्रेस के एक सदस्य ने भीतर आकर नारे लगाए. आप के सांसदों ने बाधा डालने की कोशिश की. यह अस्वस्थ परम्परा है.''
रविशंकर ने आगे कहा कि, ''संसदीय परम्परा के मुताबिक, बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई. राष्ट्रपति देश के संवैधानिक मुखिया हैं और उनका सियासी विरोध समझ से परे हैं.'' रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि, ''कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान इन्हीं कृषि सुधारों को लागू करने की कोशिश की. उन्हें सही मानते हुए हमनें लागू किया. साथ ही किसानों के हित के लिए क़ई फैसले लिए.'' रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अपने अहंकार में कांग्रेस अब इस कानून का विरोध कर रही है, क्योंकि देश मे भाजपा की सरकार है. कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो लालकिले पर हुई घटना की अब तक कोई निंदा नहीं की है.
बता दें कि कांग्रेस सहित देश के 18 विपक्षी पार्टियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया. वहीं विपक्षी पार्टियों द्वारा संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के फैसले को केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
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प्रियंका ने कहा- "कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को विभाजित करने की दी जा रही धमकी"