अहमदाबादः अर्थव्यवस्था में छाई मंदी को लेकर चौतरफा घिरी मोदी सरकार हर दिन इसको लेकर नए बयान दे रही है। सरकार के मंत्री इसे गंभीर समस्या मानने से इनकार रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय कानून और आइटी मंत्री ने अर्थव्यवस्था में मंदी अस्थाई बताया। उन्होंने कहा कि देश की बुनियाद मजबूत है। और आने वाले समय में यह सुधर जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने इस मंदी के लिए वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 5 फीसद रहने का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद बेहद मजबूत है। मुद्रास्फीति दर 3.15 फीसद और राजकोषीय घाटा 3.4 फीसद पर है। हम दोनों को कट्रोल में रखे हुए हैं। इसके अतिरिक्त भारत ने साल 2019-20 में 16.30 बिलियन डॉलर के विदेशी निवेश को आकर्षिक किया है, जो कि 28 फीसद की बढ़त लिये हुए है। प्रसाद ने आगे कहा कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 428 बिलियन डॉलर का है।
वे मोदी सरकार 2.0 के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों पर बोल रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "इन सभी मापदंडों पर भारत बहुत मजबूत है। अगर जीडीपी ग्रोथ पहली तिमाही में 5 फीसद रही है, तो यह आने वाले समय में पटरी पर भी आ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक अस्थाई घटना है। यह कुछ वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स के कारण हो रहा है, मगर हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं। बता दें कि मंदी के कारण बड़े पैमाने पर रोजगार संकट खड़ा हो गया है।
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