रविवार के दिन भगवान सूर्य का पूजन होता है. ऐसे में रविवार के दिन सूर्य देवता के पूजन के साथ उनकी कथा और आरती का बड़ा महत्व होता है. ऐसे में कल यानी 7 जून को रविवार है. तो अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं सूर्य देव की आरती जिसे करके आप सूर्य देव को खुश कर सकते हैं. आइए जानते हैं सूर्य देव की आरती.
सूर्य देव की आरती-
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव.
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता.
षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि दाता॥
जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव.
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
नभमंडल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा.
निज जन हित सुखरासी, तेरी हम सबें सेवा॥
करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव.
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी.
निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी॥
हे सुरवर रविदेव, जय जय जय रविदेव.
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥
* श्री रविवार की आरती
कहुं लगि आरती दास करेंगे,
सकल जगत जाकि जोति विराजे.
सात समुद्र जाके चरण बसे,
काह भयो जल कुंभ भरे हो राम.
कोटि भानु जाके नख की शोभा,
कहा भयो मंदिर दीप धरे हो राम.
भार अठारह रामा बलि जाके,
कहा भयो शिर पुष्प धरे हो राम.
छप्पन भोग जाके प्रतिदिन लागे,
कहा भयो नैवेद्य धरे हो राम.
अमित कोटि जाके बाजा बाजें,
कहा भयो झनकारा करे हो राम.
चार वेद जाके मुख की शोभा,
कहा भयो ब्रह्मावेद पढ़े हो राम.
शिव सनकादिक आदि ब्रह्मादिक,
नारद मुनि जाको ध्यान धरे हो राम.
हिम मंदार जाके पवन झकोरें,
कहा भयो शिव चंवर ढुरे हो राम.
लख चौरासी बंध छुड़ाए,
केवल हरियश नामदेव गाए हो राम.
21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण होगा बेहद प्रभावशाली
ग्रहण काल के दोष से बचने के लिए पढ़ें श्री कृष्ण के 108 पावन नाम