नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस वर्ष निरंतर पांचवीं बार रेपो रेट में वृद्धि कर दी है. RBI ने रेपो रेट को 0.35 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की है. RBI के अनुसार, अब रेपो रेट 5.90 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी हो जाएगा. इस फैसले के साथ ही अब होम लोन (Home Loan) सहित सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. बुधवार को एमपीसी बैठक के पश्चात् RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने नीतिगत दरें बढ़ाए जाने की घोषणा की.
देश के आम आदमी को एक बार फिर जोर का झटका लगा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी के बैठक के पश्चात् गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दरों (Repo Rate) में इस वर्ष निरंतर पांचवीं वृद्धि की घोषणा की है. तत्पश्चात, होम लोन-ऑटो लोन समेत सभी प्रकार का कर्ज महंगा हो जाएगा और लोगों को अधिक EMI भरनी होगी. वर्ष के अंतिम महीने में रेपो रेट में ताजा बढ़ोतरी के पश्चात् दर 6.25 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं. इस वर्ष केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कुल 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश में महंगाई दर को 6 प्रतिशत के तय टारगेट के नीचे लाना है. भारतीय रिजर्व बैंक ने FY23 के लिए CPI मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 6.7 प्रतिशत पर बरकरार है. इसके साथ ही अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति दर 4 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद जताई गई है.
आपको बता दें कि अक्टूबर में देश में रिटेल महंगाई गिरकर 6.77 प्रतिशत पर आ गई है. मुंबई में छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक के पश्चात् RBI गवर्नर ने रेपो रेट में वृद्धि की घोषणा करते हुए बताया कि स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी (SDF रेट) को 6 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF रेट) और बैंक रेट को 6.5 प्रतिशत तक एडजस्ट किया गया है. इसके साथ ही RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 7 प्रतिशत का अनुमान जताया था. उन्होंने कहा कि ग्लोबल चुनौतियां के बाद भी भारत की ग्रोथ रेट संतुलित है. उन्होंने कहा कि डिमांड में वृद्धि हुई है, विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ी है, जिससे अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिल रहा है. पहले से ही रेपो रेट में वृद्धि का अनुमान जाहिर किया जा रहा था. कई मीडिया रिपोर्ट्स में विशेषज्ञों ने आशंका जाहिर की थी कि केंद्रीय बैंक महंगाई में राहत के बाद भी नीतिगत दरों में 25-35 बेसिस प्वाइंट तक की वृद्धि कर सकता है. गौरतलब है कि लंबे समय से देश में महंगाई (Inflation) उच्च स्तर पर बनी हुई थी, मगर पिछले अक्टूबर महीने में इसमें गिरावट देखने को मिली है.
आखिर क्यों ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा है #Z प्लस सुरक्षा हनुमान?
नर्मदा मंदिर में अचानक हाथी के पैरों के बीच गया युवक, सामने आया चौंकाने वाला VIDEO
तीन साल से खुले पड़े बोरवेल में गिरा 8 वर्षीय मासूम, जारी हुआ रेस्क्यू