हाल ही में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक और बंगलूरू स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने एक और सहकारी बैंक पर अपना शिकंजा कस दिया है. वहीं आरबीआई ने कोलकाता स्थित कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर पाबंदी लगा दी है. इस बैंक के ग्राहक 10 जनवरी 2020 से लेकर नौ जुलाई 2020 तक यानी छह महीने तक सिर्फ एक हजार रुपये ही निकाल पाएंगे. आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार, 'सार्वजनिक हित में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल को नौ जुलाई 2019 के कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किया था, जो नौ जनवरी 2020 तक वैध था. भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक हित में अब निदेश की अवधि को 10 जनवरी 2020 से नौ जुलाई 2020 तक अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता के अवलोकन के लिए प्रदर्शित की गई है.'
रद्द नहीं किया गया लाइसेंस: आगे भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसके द्वारा जारी उपर्युक्त निदेश को बैंक को प्रदत्त लाइसेंस के निरस्तीकरण के रूप में न देखा जाए. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा. परिस्थितियों के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक समय समय पर इन निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है.
एक और सहकारी बैंक पर लगाया था प्रतिबंध: जानकारी के लिए बता दें कि इसी सप्ताह आरबीआई ने बंगलूरू स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक पर भी कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. बैंक के ग्राहक केवल 35 हजार रुपये खाते से निकाल सकेंगे. निजी क्षेत्र का यह बैंक अगले छह महीने तक आरबीआई की अनुमति के बिना कोई नया लोन भी नहीं दे सकता है. साथ ही बिना अनुमति वह इस दौरान कोई निवेश भी नहीं करेगा.
ग्राहक केवल 35 हजार रुपये निकाल सकेंगे: हालांकि आरबीआई ने श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया है. 10 जनवरी से काम-काज बंद होने के बाद से बैंक पर ये पाबंदियां लागू हैं. बैंक में स्थित किसी भी तरह के खाते में जमा रकम से खाताधारक केवल 35 हजार रुपये निकाल सकेंगे. हालांकि आरबीआई ने यह नहीं बताया है कि पैसा निकालने की समय-सीमा क्या है.
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