नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) ने संकेत दिए हैं कि चौथी तिमाही में कर्ज देने के लिए प्रतिबंधित 11 बैंकों में से चार बैंकों पर से प्रतिबन्ध हटाया जा सकता है. केंद्रीय बैंक की बोर्ड बैठक के बाद यह बात सामने आई है. आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में 'इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क ईसीएफ और गवर्नेंस' पर बल दिया.
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आरबीआई बोर्ड में वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार और वित्त सचिव एससी गर्ग इस बैठक में सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल थे. बैठक में बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक के आला अधिकारी भी उपस्थित थे. बैठक में बैंकिंग सेक्टर के विकास के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई. एक अधिकारी ने बताया कि आगली बैठक 2109 में मध्य जनवरी में हो सकती है.
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इससे पहले आरबीआई का बोर्ड उन बैंकों की प्रगति का बारीकी से विश्लेषण करेंगे जिन्हें प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन पीसीए के अंतर्गत रखा गया है. बैंकों को आरबीआई की ओर से मदद की भी आशा है जो चौथी तिमाही में प्रदान की जा सकती है. इस बैठक में बैंकों के ईसीएफ पर भी चर्चा की गई, ईसीएफ आरबीआई द्वारा कैपिटल रिजर्व की गणना करने का फार्मूला है. ज्यादा रिजर्व होने के सरकार के दावों के लिए भी एक कमिटी का गठन किया जा रहा है.
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