RBI ने घातक Coronavirus से देश के फाइनेंशियल सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए इमरजेंसी लेवल पर एक 'वॉर रूम' तैयार किया है। इसके साथ ही इस वॉर रूम में केंद्रीय बैंक के 90 अहम कर्मचारी लगातार काम में जुटे हैं। RBI के एक अधिकारी के मुताबिक ‘आकस्मिक कार्य योजना (बीसीपी)’ के तहत इस वॉर रूम को तैयार किया गया है। इसके साथ ही उसने बताया कि यह आपातकालीन कक्ष 19 मार्च से काम कर में है। वहीं उसने बताया कि यह रूम पूरे 24 घंटे एक्टिव है। वहीं ऑफिसर के मुताबिक , ‘‘यह पहला मौका है जब विश्व के किसी भी सेंट्रल बैंक ने इस तरह की बीसीपी को अमल में लाया है। यह RBI के इतिहास में पहला अवसर है क्योंकि दूसरे विश्वयुद्ध के समय भी इस तरह की व्यवस्था नहीं की गई थी।’’
अधिकारी के अनुसार यह वॉर रूप ऋणपत्र के प्रबंधन, स्टोर मैनेजमेंट और मौद्रिक परिचालन जैसी चीजों का संचालन देख रहा है। इसके साथ ही इस सिस्टम के तहत रिजर्व बैंक के अन्य डेटा सेंटर स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (एसएफएमएस), Realtime Gross Settlement (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) जैसी अहम सेवाएं संभाल रहे हैं। इनके अतिरिक्त ई-कुबेर की भी व्यवस्था की गयी है। इसके तहत केंद्र तथा राज्य सरकारों की लेन-देन और एक बैंक से दूसरे बैंक की लेन-देन आदि को मैनेज किया जा रहा है। वहीं अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआइ से कहा, ‘‘यह एक ऐसा मॉडल है, जिसे हमारी वित्तीय प्रणाली में और संभवत: पूरे विश्व में पहली बार अमल में लाने की कोशिश की जा रही है।
सामान्य बीसीपी सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर से जुड़ी दिक्कतों, आग लगने तथा प्राकृतिक आपदाओं के समय होता है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के लिये जिस तरह की योजना तैयार की है, वैसी योजना किसी के पास नहीं है।’’ वहीं आम तौर पर RBI अरबों लेन-देन का प्रबंधन करता है और इसके केंद्रीय व 31 क्षेत्रीय कार्यालयों में करीब 14 हजार लोग काम करते हैं। अधिकारी के मुताबिक वॉर रूम के तहत जिन महत्वपूर्ण सेवाओं को संभाला जा रहा है, इनका मैनेजमेंट लगभग 1,500 लोग मिलकर करते हैं। आरबीआई के कर्मचारी संगठन से जुड़े सूत्रों के अनुसार , एक सप्ताह से अधिक समय से केंद्रीय कार्यालय में महज 10 फीसद कर्मचारी ही आ रहे हैं।
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