नई दिल्ली : आरबीआई नेत्रहीनों को नोटों की पहचान करने में सहूलियत देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिये आरबीआई मोबाइल फोन आधारित समाधान खोज रहा है। वर्तमान में, नेत्रहीनों को नोट पहचानने के लिये 100 रुपये और उससे ऊपर के नोटों की छपाई इस रूप से उभरते रूप में होती है, जिससे वे स्पर्श कर उसे पहचान सके। फिलहाल देश में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपये के नोट चलन में हैं।
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वेंडरों से मंगाये हैं रुचि पत्र
प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में करीब 80 लाख नेत्रहीन या दृष्टिबाधित लोग हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक की नई पहल से फायदा मिल सकता है। आरबीआई ने जून 2018 में घोषणा की थी कि वह नेत्रहीनों द्वारा मुद्रा की पहचान करने में मदद करने के लिये उचित उपकरण या तंत्र की व्यवहार्यता का पता लगायेगा इसी तर्ज पर अब आरबीआई ने भारतीय मुद्रा के मूल्यवर्ग की पहचान के लिये तंत्र उपकरण विकसित करने के लिये वेंडरों से रुचि पत्र मंगाये हैं।
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नोटों की पहचान करने में हो सक्षम
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार निविदा दस्तावेज में बताया गया है कि हाथ से चलने वाला यह उपकरण तंत्र नोटों के मूल्यवर्ग की पहचान करने में सक्षम होना चाहिये। जब भी बैंक नोट को इसके सामने पास इसके अंदर या उससे होकर गुजारा जाये तो कुछ ही सेकंड हिंदी अंग्रेजी में मूल्यवर्ग की जानकारी मिलनी चाहिये अर्थात् यह पता चलना चाहिये कि नोट कितने का है।
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