नई दिल्ली: मौद्रिक नीति समिति की 3 दिवसीय मीटिंग के पश्चात् रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों पर लिए गए निर्णयों की घोषणा की। महंगाई की मार झेल रहे आम व्यक्तियों को RBI ने राहत दी है तथा लोन पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। शक्तिकांत दास ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया है तथा उसे 4 प्रतिशत रखा है।
इसके साथ ही RBI ने रिवर्स रेपो रेट को भी अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है तथा इस तिमाही में यह 3.35 प्रतिशत ही रहेगा। वही यह निरंतर 9वीं बार है रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इससे पूर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मई 2020 में रेपो रेट को कम किया गया था। रेपो रेट का यह लेवल 2001 अप्रैल के पश्चात् सबसे निचला लेवल है।
क्या होता है रेपो और रिवर्स रेपो रेट?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जिस दर पर बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट बोला जाता है। इसी कर्ज से बैंक अपने कस्टमर्स को लोन देते हैं। मतलब रेपो रेट कम होने पर लोन पर ब्याज दरें कम होती है तथा रेपो रेट बढ़ने पर बैंक ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं। वहीं रिवर्स रेपो रेट रेपो रेट से ठीक उल्टा होता है तथा यह वह दर है, जिस पर बैंकों की तरफ से जमा राशि पर RBI ब्याज देता है। रिवर्स रेपो रेट के माध्यम से बाजारों में लिक्विडिटी मतलब नकदी को कण्ट्रोल किया जाता है।
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