नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते बुधवार को पूर्व नौकरशाह तथा वित्त आयोग के वर्तमान चेयरमैन एन. के. सिंह की पुस्तक 'पोट्रेट्स ऑफ पावर: हॉफ ए सेंचुरी ऑफ बीइंग एट रिंगसाइड' को लांच किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक की उदार एवं अनुकूल मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों की वजह से भारत आर्थिक पुनरूत्थान की देहली पर खड़ा है।
उन्होंने कहा कि, 'हम आर्थिक पुनरूत्थान की देहली पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि वित्तीय इकाइयों के पास वृद्धि को समर्थन देने के लिए पर्याप्त धन हो।' उन्होंने कहा कि कई आर्थिक इकाइयां पहले ही पूंजी जमा कर चुकी हैं, कुछ पूंजी जुटाने की तैयारी में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आने वाले महीनों में वे पूंजी एकत्र कर लेंगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही कोरोना महामारी का अंत होगा रिजर्व बैंक सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से उन पर दबाव का आंतरिक विश्लेषण करने के लिए कहेगा।
SBI गवर्नर ने कहा कि, 'जहां तक दबाव की बात है, मैंने स्वयं बैंकों और NBFC से बातचीत की है। अपनी वित्तीय इकाइयों को पर्याप्त पूंजी मुहैया कराने और पूंजी का बफर तैयार करने की आवश्यकता के लिए उनकी सक्रियता ने हमें प्रभावित किया है।' उन्होंने कहा कि पूंजीकरण की प्रक्रिया ना केवल उनके आर्थिक दबाव से निपटने के लचीले रुख को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि ऋण प्रवाह को बनाए रखते हुए उन्हें वृद्धि करने के लिए पर्याप्त कोष भी मुहैया कराएगी।
फ्लिपकार्ट ने स्टार्टअप्स को दिया 25000 डॉलर का फंड