आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और आने वाली क्रेडिट पॉलिसी पर चर्चा की. मुलाकात तकरीबन 40 मिनट तक चली. माना जा रहा है कि मुलाकात में आने वाली क्रेडिट पॉलिसी पर चर्चा हुई जो कि अगले हफ्ते आने वाली है. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब आज ही वर्ष की दूसरी तिमाही के विकास दर के नतीजे जारी हुए हैं.
मुलाकात में अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात पर भी चर्चा हुई है. देश में महंगाई की समस्या और बैंकिंग सेक्टर समस्याओं को लेकर चर्चा हुई. साथ ही बैंकिंग सेक्टर और एनबीएफसी में यानी गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान में क्रेडिट की समस्या और क्रेडिट ग्रोथ यानी बैंकों द्वारा उपभोक्ता दिए जा रहे कर्ज में बढ़ोतरी उपायों पर चर्चा हुई है. बैंक और वित्तीय संस्थानों की निगरानी बढ़ाने और एंड संस सतत निगरानी के प्रबंध करने और कड़ाई बरतने के उपायों पर चर्चा हुई.
इसी बीच, आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर आई है. देश के विकास की रफ्तार और घट गई है. दूसरी तिमाही में विकास दर (Quarter 2 GDP) घटकर 4.5% पहुंच गई है. यह पिछले 6 वर्ष में सबसे कम स्तर पर है. पहली तिमाही में विकास दर 5% रही थी. सरकार ने शुक्रवार शाम आंकड़े जारी किए. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद ऐसा हो रहा हैं. मतलब साफ है कि इकोनॉमी आईसीयू (ICU) में हैं. इसके साल , कृषि विकास दर, मैन्युफैक्चरिेंग और सर्विस सेक्टर में भी गिरावट दर्ज की गई है. दूसरी तिमाही में माइनिंग ग्रोथ 0.1%, कंस्ट्रक्शन ग्रोथ 8.5% से घटकर 3.3%, मैन्युफैक्चरिेंग ग्रोथ 6.9% से घटकर 1% सर्विस सेक्टर ग्रोथ 7.3% से घटकर 6.8%, इंडस्ट्री ग्रोथ 6.7% से घटकर 0.5% रही.
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