आरबीआई ने 07 अप्रैल 2021 को वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश किया. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रुख को 'उदार' बनाए रखा है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में GDP में 10.5 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया है. आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने 07 अप्रैल 2021 को मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया है. इससे पहले भी फरवरी में ब्याज दरों में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हुआ था. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया है.
रेपो रेट: रेपो रेट वह दर है, जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है. मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है.
रिवर्स रेपो रेट: यह वह दर होती है जिसपर बैंकों को उनकी तरफ से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज प्राप्त होता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. रिवर्स रेपो रेट में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है तथा इसे 3.35 प्रतिशत बनाए रखा गया है.
बैंक रेट: बैंक रेट वह दर है जिस पर आरबीआई व्यापारिक बैंको को प्रथम श्रेणी की प्रतिभूतियों पर कर्ज प्रदान करता है. बैंक रेट में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 4.25 फीसदी है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में खुदरा महंगाई दर 5 प्रतिशत पर रही, जबकि पहले इसके 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था. मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत तथा चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान व्यक्त किया है.
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