मंगलवार से जारी भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का आज निर्णय आएगा। इस बैठक से कई फैसलों की आशा की जा रही है। जिसका सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा। आपको बता दें कि शुक्रवार को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक के निर्णयों की घोषणा करेंगे। हालांकि, अर्थशास्त्रियों को RBI से रेपो दर में और कटौती की आशा नहीं है। वर्तमान में यह मई के पश्चात् से रेपो रेट साल 2000 के पश्चात् 4 प्रतिशत पर है, जो कि सबसे निचला स्तर है।
वही मार्च में दरों में 115 बेसिस पॉइंट मतलब 1.15 प्रतिशत तक की कटौती की गई थी जब देश कोरोना के खतरे से जूझ रहा था। रिवर्स रेपो रेट 3.35% है। वही RBI ने COVID-19 के दौरान रेपो रेट में 1.15 फीसदी कटौती की है। मार्च से अब तक रिवर्स रेप रेट में 1.55 फीसदी कटौती हुई है। 22 मई को रिवर्स रेपो 0.40 फीसदी कम करके 3.35 फीसदी किया गया। 22 मई के पश्चात् दरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। रेपो रेट 4 फीसदी तथा रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है।
जीडीपी पूर्वानुमान हो सकता है संशोधित-भारत की जीडीपी में प्रथम तिमाही में 24 फीसदी की कमी के पश्चात् दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की कमी आई थी। यह RBI के 8.6 फीसदी गिरावट के अनुमान से बेहतर रही थी। अपेक्षा से बेहतर रहने के पश्चात् RBI को इस नीति में जीडीपी पूर्वानुमान को संशोधित कर -9.5 फीसदी से -7 से -9 फीसदी कर सकता है। इसके अतिरिक्त विशेषज्ञ का मानना है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति ऊंची होने के कारण रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती नहीं करेगा।
रिज़र्व बैंक ने नीति समीक्षा में 'निवारक' रुख रखने की संभावना: उद्योग निकाय