RBI ने बुधवार को कहा कि उसे आशा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत पर रहेगी। इसके साथ-साथ केंद्रीय बैंक ने मार्च में समाप्त हुई तिमाही के चलते मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली नीतिगत समीक्षा का ऐलान करते हुए कहा कि प्रमुख मुद्रास्फीति फरवरी 2021 में पांच प्रतिशत के स्तर पर बनी रही, हालांकि कुछ कारक सहजता की ऊपरी सीमा (4+2%) को तोड़ने की चुनौती उत्पन्न कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आगे चलकर खाद्य मुद्रास्फीति की स्थिति मानसून की प्रगति पर निर्भर करेगी। RBI ने वृद्धि का समर्थन करने के लिए प्रमुख रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा है। दास ने आगे बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्यों द्वारा समन्वित कोशिशों से पेट्रोलियम उत्पादों पर घरेलू करों से कुछ राहत प्राप्त हुई है।
हालांकि, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और लॉजिस्टिक लागतों के चलते विनिर्माण और सेवाएं महंगी हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति को संशोधित कर पांच प्रतिशत किया गया है। इसी प्रकार मुद्रास्फीति के अनुमान वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तथा दूसरी तिमाही के लिए 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 4.4 प्रतिशत तथा चौथी तिमाही के लिए 5.1 प्रतिशत हैं।
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