नई दिल्ली : जिस तरह से आरबीआई द्वारा नये पांच सौ और दो हजार रूपये के नोटों को छापने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है उससे यह मामला उंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे है। जानकारी मिली है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अभी तक आरबीआई केवल 5 लाख करोड़ रूपये के ही नये नोट जारी करने में सफल हो सका है, जबकि देश में 15 लाख करोड़ नये नोटों की जरूरत आंकी गई है।
हालांकि आरबीआई अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है कि 30 दिसंबर के पहले नोटों की आपूर्ति कर दी जाये, बावजूद इसके नोट छापने की गति से यह प्रयास पूरा होते नजर नहीं आता। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक चलन से बंद हुये पांच सौ और एक हजार रूपये के पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने की समय सीमा निर्धारित की है।
इधर आरबीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद से लेकर अभी तक 15.5 लाख करोड़ में से 80 प्रतिशत से अधिक पुराने नोट बैंकों तक पहुंचाये जा चुके है।