भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि नेचुरल सपोर्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर और न्यूक्लियस सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, नई दिल्ली जैसे दो संस्थाओं ने 16 नवंबर से अपने 'रेगुलेटरी सैंडबॉक्स-फर्स्ट cohort ऑन रिटेल पेमेंट्स-टेस्ट फेज' के तहत अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू किया। रेगुलेटरी सैंडबॉक्स आमतौर पर एक नियंत्रित और परीक्षण-विनियामक वातावरण में नए उत्पादों या सेवाओं का लाइव परीक्षण करने के लिए संदर्भित करता है जिसके लिए नियामक परीक्षण के सीमित उद्देश्य के लिए कुछ नियामक छूट की अनुमति दे सकते हैं।
आरबीआई के अनुसार, नेचुरल सपोर्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज का उत्पाद ‘eRupaya’ निकट-क्षेत्र संचार (एनएफसी) आधारित प्रीपेड कार्ड और एनएफसी-सक्षम प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस का एक सेट है ताकि दूरस्थ स्थानों में ऑफलाइन व्यक्ति-से-मर्चेंट लेनदेन और ऑफलाइन डिजिटल भुगतान की सुविधा मिल सके। न्यूक्लियस सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट्स का ऑफलाइन डिजिटल कैश प्रॉडक्ट ' पेसे ' ई-पेमेंट्स के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ने में मदद करेगा।
उत्पाद ने ग्रामीण क्षेत्रों में भुगतान के डिजिटलीकरण में मदद करने का प्रस्ताव किया, जो स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के साथ शुरू हुआ, एक ऑफ़लाइन भुगतान समाधान और एक डिजिटलीकृत एसएचजी-केंद्रित पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से जोड़ा गया। आरबीआई ने कहा कि उसे 32 संस्थाओं से आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से छह को 'टेस्ट चरण' के लिए चुना गया है।
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