आरबीआई ने बैंक ऑफ इंडिया के लगातार बढ़ते एनपीए को लेकर आगाह करते हुए उसके खिलाफ करेक्टिव एक्शन लियाहै । आरबीआई ने बैंक ऑफ इंडिया के नए कर्ज और डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन पर रोक लगा दी है। वही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों जैसे आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष के दौरान के लिए जोखिम आधारित निगरानी मॉडल के तहत ऑनसाइट निरीक्षण के बाद केंद्रीय बैंक ने उसे तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई व्यवस्था के अंतर्गत रख दिया है.
बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि एनपीए और लगातार दो साल के लिए अपर्याप्त सीईटी एक पूंजी और संपत्तियों पर निगेटिव रिटर्न (आरओए) की वजह से यह कदम उठाया गया है. इस कार्रवाई से जोखिम प्रबंधन, संपत्ति की गुणवत्ता, मुनाफा और दक्षता में सुधार होगा.
बैंक ने बताया कि मार्च 2017 में समाप्त हुए साल में बैंक की एसेट क्वालिटी खराब रही। बैंक के ग्रोस एनपीए पिछले साल 13.07 फीसदी था, जो मार्च 2017 में 13.22 फीसदी तक पहुंच गया। हालांकि नेट एनपीए में इंप्रूवमेंट हुआ और 7.79 से घटकर 6.90 फीसदी पर पहुंच गया।
500 के नोट का छपाई खर्च 5 हजार करोड़ !
2000 रुपये तक का डिजिटल भुगतान हुआ निशुल्क
रिजर्व बैंक दो हजार के नए नोट जारी नहीं कर रहा : एसबीआई