नई दिल्ली: हाल में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रिपल तलाक या मुस्लिम पुरुषों द्वारा सिर्फ तीन बार 'तलाक' कहकर पत्नी को तलाक देने को असंवैधानिक करार दिया है. वही इसे महिला के अधिकारों का हनन बताया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रिपल तलाक को ना सिर्फ गैरकानूनी बताया बल्कि कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ बोर्ड देश के संविधान से ऊपर नहीं हो सकता है. वही इस मामले से जुड़े लोगो द्वारा इस पर प्रतिक्रिया दी जा रही है.
तीन तलाक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुखी ने ने इसे सिर्फ अदालत द्वारा किया गया अवलोकन बताया है. उनके द्वारा कहा गया है कि संविधान ने धर्म का पालन करने का अधिकार दिया है और अभी यह निर्णय नही है. उन्होंने तलाक शरीयत कानून का हिस्सा बताया है.
वही भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा कहि बात का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने इसे प्रगतिशील निर्णय बताया है. मौलाना खालिद रशीद फिरंगी ने इस बयान पर कहा है कि वे कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते है किन्तु संविधान के तौर पर वे आगे इसकी अपील करेगे. वही समाज सेविका जाकिया सोमान ने कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है. और उन्होंने तीन तलाक को गैरसंवैधानिक बताया है.