दुनियाभर के कई लोग हैं जो प्री-पैकेज्ड सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा और रेडी-टू-ईट भोजन करना पसंद करते हैं। हालाँकि आपको जानकर हैरानी होगी कि इसको खाने को लेकर एक नए शोध में गंभीर चेतावनी दी गई है। जी दरअसल इसको खाने से मौत हो सकती है। जी हाँ, यह शोध 2019 में ब्राजील में समय से पहले रोके जा सकने वाली 10 प्रतिशत से अधिक मौतों के सिलसिले में किया गया है। जी दरअसल अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा है कि 'अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में से कोई संपूर्ण खाद्य पदार्थ नहीं होता है, यही वजह है कि 2019 में ब्राजील में 57 हजार लोगों की समय से पहले मौत हो गई।'
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आप सभी को बता दें कि इस बारे में साओ पाउलो विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता, एडुआडरे ए।एफ। निल्सन ने कहा, ‘पिछले मॉडलिंग अध्ययनों ने सोडियम, चीनी और ट्रांस फैट, और विशिष्ट खाद्य पदार्थ या पेय, जैसे चीनी मीठे पेय पदार्थों के स्वास्थ्य और आर्थिक बोझ का अनुमान लगाया है।’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘हमारी जानकारी में आज तक किसी भी शोध में समय से पहले होने वाली मौतों के कारण के तौर पर अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया है। इन खाद्य पदार्थों की खपत के कारण होने वाली मौतों के बारे में जानना जरूरी है। आहार पैटर्न में परिवर्तन बीमारी और समयपूर्व मौतों को रोक सकते हैं।’
आपको पता ही होगा कि ओवर प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के उदाहरण में पैक सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा, पहले से तैयार भोजन, हॉट डॉग, सॉसेज, सोडा, आइसक्रीम और स्टोर से खरीदे गए कुकीज, केक, कैंडी और डोनट्स शामिल है। वहीँ शोध की अवधि के दौरान सभी आयु वर्गों और लिंग वर्गों में अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत ब्राजील में कुल भोजन सेवन का 13 प्रतिशत से 21 प्रतिशत तक थी।
जी दरसल साल 2019 में 30 से 69 वर्ष की आयु के कुल 5 लाख, 41 हजार, 260 वयस्कों की समय से पहले मौत हो गई, जिनमें से 2 लाख, 61 हजार, 61 रोके जाने योग्य, गैर-संक्रामक रोगों से थे। इस शोध में पाया गया कि उस वर्ष लगभग 57 हजार मौतों को अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
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