सर्जिकल स्ट्राइक : पठानकोट से लेकर उरी हमले तक, जानिये क्यों पड़ी हमले की जरुरत

सर्जिकल स्ट्राइक : पठानकोट से लेकर उरी हमले तक, जानिये क्यों पड़ी हमले की जरुरत
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नई दिल्‍ली। आज  पूरा देश भारतीय सेना के जवानों द्वारा भारत-पाक सीमा पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ मना रहा है। आज ही के दिन  भारतीय सेना के जांबाज सैनिकों ने भारत और पाकिस्तान की सीमा के पार जाकर वहां छुपे आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था। आज सेना के इस प्रराक्रम की दूसरी वर्षगांठ पर हम आपको इस स्ट्राइक के विभिन्न पहलुओं से रूबरू करवाते है। 


कब, कहाँ और कैसे हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक 

भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की घटना को 29 सितंबर, 2016 को अंजाम दिया था। इस करवाई के तहत भारतीय सेना के जवानों के एक समूह ने भारत और पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा (LoC) के पार जाकर आतंकियों के लॉन्‍च पैड्स ध्वस्‍त कर दिए थे। सेना के इस पराक्रम ने कई आतंकियों को मौत के घाट  भी उतार दिया था। यह कार्यवाई मुख्य तौर पर एलओसी के पार पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर (PoK) में की गई थी जहाँ पाकिस्तानी सेना ने कई आतंकियों को पनाह दे रखी थी। 

पाक ने ही बोये थे नफरत के बीज 

भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान की जमींन पर की गई इस सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पाकिस्तान ने ही भारत को उकसाया था। दरअसल भारतीय सेना और सरकार द्वारा कई तरह की समझाइश और चेतावनी देने के बावजूद भी पाकिस्तानी सेना बार-बार सीमा पार कर के देश में घुसपैठ कर रही थी और कई बार संघर्ष विराम भी तोड़ चुकी थी। पाकिस्तान की इन हरकतों ने भारतीय सेना को उकसाना शुरू कर दिया था और इस मामले में बची कसर पकिस्तान द्वारा पनाह दिए गए आतंकियों द्वारा सेना के ठिकानों पर किये गए इन हमलों ने पूरी कर दी थी। 


पठानकोट हमला  

वर्ष 2016 की शुरुआत में ही पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट में स्थित भारतीय सेना के एयरबेस पर हमला कर दिया था। इस हमले में सेना के 2 सैन्‍यकर्मी शहीद हो गए थे। हालाँकि इस हमले के  17 घंटे के भीतर ही सेना ने भी  5 आतंकियों को मार गिराया गया था परन्तु सेना के बेस में घुस कर हमला किये जाने की वजह से भारतीय सेना  समेत पूरा देश बेहद आक्रोश में आ गया था।

 


उरी हमला

पठानकोट हमले के बाद सेना के आक्रोश में जो थोड़ी-बहुत कसर रह गई थी उसे उड़ी हमले ने पूरा कर दिया था। 18 सितंबर, 2016 को  जम्‍मू एवं कश्‍मीर के उड़ी में  सेना के शिविर पर किये गए इस हमले में  भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों ने यह हमला आधी रात को किया था जिस वक्त  सभी जवान सो रहे थे। 


जरूरी था जवाब देना 

इन दो घटनाओं के बाद सेना  के आक्रोश के साथ-साथ देश के नागरिकों में भी असुरक्षा का भय बढ़ते ही जा रहा था। इसके साथ ही पकिस्तान भी आतंकियों के दुस्‍साहस पर गर्व  दिखाते हुए सीमा पर बार-बार संगर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा था। इन सभी बातों के मद्देनजर सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक करने की योजना बनाई और पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देते हुए उसके इलाके में घुस कर दर्जनों पाकिस्‍तानी सैनिकों और आतंकियों को मौत के घाट उतर दिया। 

 


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