ये सभी कहते हैं महिलाओं के पेट में बात नहीं टिकती, और ये बता सही भी है क्योंकि उन्हें एक पल नहीं लगता बातो को इधर से उधर करने में. लेकिन ये बात किसी को नहीं पता कि महिलाओं के पेट में बात क्यों नहीं पचती हैं. महिलाओं के लिए ज्यादा देर तक खुद तक किसी बात को सीमित रखना बोझ की तरह लगता है. इस बोझ से छुटकारा पाने के लिए वो इधर की बात उधर करती हैं. भले ही कुछ महिलाएं न करें लेकिन अधिकतर महिलाओं के साथ यही परेशानी होती है. इसके पिछे क्या वजह है.... हम आपको बताएंगे. ऐसी कई वजह है..
* महिला और पुरूष के स्वभाव में काफी अंतर होता है. पुरूष जहां कठोर स्वभाव के होते है वहीं महिलाएं भावुक स्वभाव की होती है. इसीलिए वह भावनाओं में बहकर सबकुछ दूसरों के सामने बोल देती है.
* ज्यादातर महिलाएं चाहती है कि हर कोई उनके प्रति आकर्षित हो. ऐसे में वे अक्सर ऐसी बात कहने की फिराक में रहती हैं, जिससे कुछ सस्पेंस क्रिएट हो जाए.
* महिलाओं और पुरुषों में सबसे अहम् फर्क़ बोलने का होता है. पुरुष पहले सोचते हैं, फिर बोलते हैं लेकिन महिलाएं बिना सोचे समझे बहुत कुछ बोल देती हैं.
* महिलाओं के पेट में बात न पचने का सबसे बड़ा फायदा उनकी हैल्थ पर पड़ता है. इससे वह अपने दिल की बात को दूसरों के साथ शेयर करके अपना मन हल्का तो कर लेती है, जो उनकी हैल्थ के लिए काफी अच्छा होता है.
* महिलाएं बहुत सारी बातें इसलिए भी करती हैं क्योंकि वे दूसरों को यह दिखाना चाहती हैं कि वे कितनी स्मार्ट और टैलेंटेड हैं.
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