रांची: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज झारखंड का दौरा करेंगे, जिसका उद्देश्य बीजेपी में चल रही बगावत को थामना और आगामी चुनावी अभियान को मजबूती प्रदान करना है। रांची पहुंचने के बाद, वह राज्य के बीजेपी नेताओं के साथ बैठक करेंगे, जिसमें चुनावी तैयारियों और प्रचार अभियानों की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, अमित शाह विधानसभा प्रभारियों के साथ भी बैठक करेंगे और रविवार को घाटशिला, बरकट्ठा और सिमरिया में रैलियां करेंगे। उनका मुख्य फोकस पार्टी के बागियों को मनाने पर होगा, जो वर्तमान में पार्टी के लिए एक चुनौती बने हुए हैं।
झारखंड में बागी नेताओं की समस्या बीजेपी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा ने कई नाराज नेताओं से संपर्क करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया था। कुछ नेताओं को मनाने में सफलता मिली, लेकिन अभी भी कई असंतुष्ट नेता पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।
निरंजन राय, जो पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के करीबी थे, अब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर धनवार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। निरंजन ने बीजेपी के प्रयासों को असफल कर दिया। इसी तरह, जमशेदपुर पूर्वी से शिवशंकर सिंह ने भी बीजेपी प्रत्याशी पूर्णिमा साहू के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है, यह कहते हुए कि उनकी लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ है।
गुमला सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार सुदर्शन भगत के खिलाफ युवा नेता मिशिर कुजूर बागी हो गए हैं। मिशिर ने चुनाव में भाग लेने के बावजूद नामांकन वापस नहीं लिया। इसी तरह, गणेश महली भी सरायकेला सीट पर बागी बन गए हैं, जहां बीजेपी ने जेएमएम से आए चंपाई सोरेन को उम्मीदवार बनाया है।
इसके अलावा, लातेहार, नाला, हटिया समेत कई अन्य सीटों पर भी बीजेपी को आंतरिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अमित शाह की कोशिशें उन बागियों को मनाने की होंगी, जिन्होंने पहले पार्टी के खिलाफ नामांकन किया था लेकिन बाद में मनाने पर अपना नाम वापस ले लिया।
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