नई दिल्ली: पूरे देश में कम से कम 38 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता ख़त्म कर दी गई है. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा यह फैसला लिया गया है. NMC की तरफ से 100 मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए कमियों को ठीक करने को कहा गया है. इसमें कर्मचारियों द्वारा बायोमेट्रिक प्रणाली पर मौजूदगी दर्ज नहीं करने से लेकर कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था तक का मामला है.
रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों में कर्मचारियों और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए NMC की तरफ से सख्त फैसला लिया गया है. NMC ने 38 कॉलेजों की मान्यता को खत्म कर दिया है. कर्मचारियों की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी के मद्देनज़र NMC ने यह फैसला किया है. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के एक अधिकारी ने कहा है कि मेडिकल कॉलेजों की मान्यता के खिलाफ संख्या बदलती रहेगी. अगले दो महीनों में ज्यादा सुनवाई और अपील की जाएगी. बता दें कि मौजूदा MBBS बैच के लिए काउंसलिंग जुलाई से आरंभ होने का अनुमान है. NEET का आयोजन मई के पहले हफ्ते में किया गया था.
NMC अधिकारी ने कहा कि यदि कोई कॉलेज कमियों को दूर करने में असमर्थ है, तो यह सिर्फ मौजूदा वर्ष के लिए उनके सेवन को प्रभावित करेगा. पहले से नामांकित छात्र प्रभावित नहीं होंगे. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के सबसे पुराने सरकारी चिकित्सा संस्थानों में से एक स्टेनली मेडिकल कॉलेज और प्रदेश के कुछ अन्य मेडिकल कॉलेजों द्वारा मान्यता खो देने का मामला सामने आया.
एक अधिकारी ने बताया है कि जिन कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई है, या नोटिस भेजे गए हैं, उनमें बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली थी. कर्मचारियों ने कोरोना महामारी के बाद हर दिन उपस्थिति दर्ज करना आरंभ नहीं किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु, गुजरात, असम, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल के कई कॉलेजों के लिए नोटिस भेजे गए हैं.
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