सरकार अब देश में सरकारी महाविद्यालयों की तरह ही स्कूल मान्यता प्रणाली लागू कर सकती हैं. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, अब स्कूलों को अच्छा प्रदर्शन करने पर ही मान्यता प्रदान की जाएगी. अगर स्कूल बेहतर परिणाम नही ला पाते हैं, तो इस स्थिति में स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. मान्यता रद्द करने के साथ ही ऐसे स्कूलों को बंद भी कर दिया जाएगा. उक्त बाते केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कही.
उन्होंने कहा कि, 'आज ये साफ देखा जा रहा है कि स्कूलों में शिक्षा प्रणाली बद से बदतर होती जा रही है. इस फैसले को लाने की सबसे बड़ी वजह ये है कि भारत में बिगड़ती शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके.' प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रकाश जावड़ेकर ने यह बातें कल वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (एमआईटी डब्ल्यूपीयू) परिसर में भारत छात्र संसद के आठवें संस्करण के उद्घाटन समारोह में कही. जावड़ेकर ने कहा कि, 'राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों ने खुद गरीबी और भुखमरी को करीब से देखा है.
वहीं उन्होंने आगे कहा, 'अगर एक चायवाला हमारे देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और एक आम वकील राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंच सकता है तो आज के युवा राजनीति से क्यों डरते हैं, युवाओं को राजनीति के बारे में अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा और राजनीति में शामिल होकर इस बदलाव का हिस्सा बनना होगा.
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