नई दिल्ली: मौजूदा वित्त वर्ष के पहले माह यानी अप्रैल में 1.87 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड GST कलेक्शन दर्ज किया गया है। इसको लेकर वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि यह कलेक्शन दर्शाता है कि विश्व में जिस सुस्ती की चर्चा चल रही है, उससे भारत फिलहाल अछूता है। GST एक्सपर्ट निखिल गुप्ता के मुताबिक, यह साल के आखिरी महीने में बिक्री कारोबार में तेजी का परिणाम है कि, 20 अप्रैल को एक दिन में रिकॉर्ड GST कलेक्शन देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि, यह इसलिए हुआ कि मार्च में जितना कारोबार हुआ, उस पर टैक्स के भुगतान की अंतिम तिथि 20 अप्रैल थी। जहां तक आगे GST कलेक्शन की बात है तो यह एक सकारात्मक संकेत हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती सुस्ती के खबरों के बीच GST कलेक्शन ने रिकॉर्ड बनाया है। इसका मतलब स्पष्ट है कि ग्लोबल इकॉनमी में जो कुछ नकारात्मक बातें हो रही है, उसका अधिक असर देश की अर्थव्यवस्था और बज़ार पर नहीं पड़ रहा है। खरीदारी का दौर जारी है, जिससे मांग और उत्पादन में इजाफा हो रहा है। इंडिया चैंबर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स के निदेशक नितिन पंगोत्रा का कहना है कि GST कलेक्शन में तेजी यह दर्शाती है कि देश के बाजार में कारोबार बढ़ रहा है। सामान का आवाजाही खूब हो रही है। कारोबार में फिलहाल सुस्ती दिखाई नहीं दे रही है। उम्मीद है कि आगे भी यह दौर जारी रहेगा।
बता दें कि, वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार (1 मई) को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल- 2023 में GST कलेक्शन 1,87,035 करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्रीय GST (CGST) 38,440 करोड़ रुपये, राज्य GST (SGST) 47,412 करोड़ रुपये और एकीकृत GST (IGST) 89,158 करोड़ रुपये के साथ ही 12,025 करोड़ रुपये का उपकर भी शामिल है। वित्त वर्ष 2022-23 में GST का कुल कलेक्शन 18.10 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत ज्यादा है।
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