रीवा: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) जिले में महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) के त्यौहार पर आयोजक समिति ने बड़े स्तर पर खिचड़ी बनाकर एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। आयोजन समित द्वारा 11 सौ किलो के कड़ाहे में 51 सौ किलो खिचड़ी का महाप्रसाद बनाकर यह रिकार्ड अपने नाम किया है। इसकी तैयारी बीते कई दिनों से चल रही थी। शनिवार को इंदौर से एशिया वर्ल्ड रिकार्ड की टीम भी रीवा पहुंची थी जिनके सामने यह महाप्रसाद बनाया गया। तत्पश्चात, टीम ने आयोजन समिति को प्रमाण-पत्र भी दिया।
महाशिवरात्रि के त्यौहार पर रीवा जिले में बीते कई सालों से खिचड़ी बनाने की परंपरा चली आ रही है। मगर इस बार आयोजन समित ने विशाल भंडारे का आयोजन किया था। इसकी तैयारी कई दिनों से चल रही थी। रीवा में श्रद्धालुओं के लिए एक ही कड़ाहे में 51 सौ किलो खिचड़ी का महाप्रसाद बनाकर रिकार्ड बनाया गया। इसके लिए एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम को रीवा बुलाया गया था। तत्पश्चात, उनकी टीम के सामने यह महाप्रसाद बनाया गया। पचमठा मंदिर परिसर में डोम पंडाल लगाया गया। इसके बीच में मंच बनाया गया था एक ओर प्रसाद बन रहा था दूसरी तरफ भंडारा का आयोजन किया गया था।
शिव बारात आयोजन समिति के द्वारा इस महाशिवरात्रि त्योहरा पर महादेव के लिए महाप्रसाद बनाने की तैयारी की गई थी। इसके लिए 1100 किलो की लोहे से निर्मित एक कढ़ाई तैयार की गई थी। कढ़ाई में 5100 किलो का महाभोग तैयार किया गया। 11 सौ किलो की इस कड़ाहे में 51 सौ किलो की खिचड़ी पकाई गई। इसमें 100 किलो देशी घी, 4000 लीटर पानी, 600 किलो चावल, 300 किलो दाल, 100 किलो हरी सब्जियां डाली गईं। इसे बनाने के लिए 14-14 फीट के 3 करछुलों का उपयोग किया गया। 21 शिव भक्तों ने मिलकर इस महाप्रसाद को बनाया।
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