नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान का कद दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। कभी हथियारों और रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाला भारत आज खुद 85 देशों को स्वदेशी हथियार बेच रहा है। दरअसल, भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 15,920 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि के लिए रक्षा मंत्रालय को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा निर्यात का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना ये बताता है कि बीते कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में किए गए सुधार अच्छे परिणाम दे रहे हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत को रक्षा उत्पादन केंद्र बनाने की कोशिशों का समर्थन करना जारी रखेगी।
प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि, 'शानदार! यह स्पष्ट रूप से भारत की प्रतिभा और 'मेक इन इंडिया' के प्रति उत्साह को प्रदर्शित करता है। इससे यह भी पता चलता है कि बीते कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में किए गए सुधार शानदार परिणाम दे रहे हैं। हमारी सरकार भारत को एक रक्षा उत्पादन केंद्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगी।' रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि देश का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 15,920 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने इस वृद्धि को सराहनीय उपलब्धि बताया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में देश का रक्षा निर्यात 12,814 करोड़ रुपये रहा था।
साल-दर-साल कैसे बड़ा रक्षा निर्यात:-
रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के प्रेरणादायक नेतृत्व में हमारा रक्षा निर्यात तेजी से बढ़ रहा है और आगे भी बढ़ता रहेगा। उन्होंने आंकड़े देते हुए बताया कि, भारत ने 2020-21 में 8,434 करोड़ रुपये, 2019-20 में 9,115 करोड़ रुपये और 2018-19 में 10,745 करोड़ रुपये के सैन्य हार्डवेयर का एक्सपोर्ट किया था। वहीं, 2017-18 में देश का कुल डिफेंस एक्सपोर्ट 4,682 करोड़ रुपये और 2016-17 में 1,521 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, भारत सरकार ने 2024-25 तक 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा हार्डवेयर के उत्पादन के साथ ही डिफेंस एक्सपोर्ट को को 35,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
दुनिया के 85 देशों को रक्षा उपकरण सप्लाई कर रहा भारत:-
बता दें कि, बीते कुछ वर्षों में भारत सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई असरदार कदम उठाए हैं। भारत अभी लगभग 85 देशों को मिसाइलों, एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर (ALH), अपतटीय गश्ती जहाजों, निजी सुरक्षा गियर, सर्विलांस सिस्टम और विभिन्न प्रकार के रडार समेत सैन्य हार्डवेयर की सप्लाई कर रहा है। निर्यात क्षमता वाले हथियारों और सिस्टम्स में फाइटर जेट तेजस, विभिन्न तरह के हेलीकॉप्टर, आर्टिलरी गन, एस्ट्रा बियॉन्ड-विजुअल-रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम, टैंक और रडार शामिल हैं।
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