वीरेंद्र देव दीक्षित की आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी में चल रहे सैक्स स्कैंडल का खुलासा होने के बाद पूरे देश भर में अफरा-तफरी मच गई. कोर्ट के आदेश पर बाबा के सभी ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई करते हुए बंधक बनाई गई लड़कियों को मुक्त कराया गया. पुलिस जैसे-जैसे बाबा के ठिकानों पर छापे मारकर तफ़्तीश करती गई, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
बताया जा रहा है कि बाबा खुद को कृष्ण मानता था और आश्रम में रह रही सेविकाओं को गोपी बताकर उनसे दुष्कर्म किया करता था. ऐसा भी कहा जा रहा है कि बाबा ने 16000 लड़कियों से संबंध बनाने का लक्ष्य रखा था और इसके लिए वह रोजाना 10 लड़कियों से संबंध बनाता था. आश्रम से मुक्त कराई गई एक सेविका ने बताया कि जिस भी आश्रम में बाबा पहुंचता था तो रात के 'गुप्त प्रसाद' के लिए 8-10 लड़कियों को सिलेक्ट किया जाता. 'गुप्त प्रसाद' बाबा के सैक्स के लिए सीक्रेट कोड था.
महिला ने एक और चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि आश्रम में एक रजिस्टर भी बनाया गया था, जिसमें महिलाओं के मासिक धर्म चक्र (पीरियड्स) का रिकॉर्ड रखा जाता था. इसके अनुसार सेविकाओं को बाबा के गुप्त प्रसाद के रूप में चुना जाता था. यह रिकॉर्ड रखे जाने से हालांकि कुछ और आशंकाएँ भी उत्पन्न होती हैं. आश्रमों में छापेमारी के बाद दिल्ली पुलिस और वकील शलभ गुप्ता को आश्रम में रह रही सेविकाओं के परिजनों की चिट्ठियां आ रही है, जिसमें वे महिलाओ और बच्चियों को वहाँ से बचाने की गुहार कर रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट - “क्या पुलिस बत्तख की तरह काम करती है”