नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने एक नया आर्थिक लक्ष्य रखा है। सरकार ने 2025 तक देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला मूल्क बनाना है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार यह लक्ष्य कच्चे तेल का आयात कम करते पा सकती है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने जैव ईंधन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, मसलन इथेनॉल और बुटानॉल ना सिर्फ सस्ते हैं बल्कि देश के लिए जरूरी भी हैं क्योंकि यह हमें उत्सर्जन कम करने में मदद करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हम हर साल सात लाख करोड़ रुपये का कच्चा तेल आयात करते हैं। ऐसे में यदि हम जैव ईंधन जैसे कि इथेनॉल और बुटानॉल के विकल्प को अपनाए और इन्हें कारों एवं विमानों में उपयोग करें तो यह ना सिर्फ सस्ते पड़ेंगे बल्कि प्रदूषण मुक्त भी होंगे। हमें इन विकल्पों पर ध्यान क्यों नहीं देना चाहिए?
गडकरी ने कहा, विमानन क्षेत्र 40,000 करोड़ रुपये का ईंधन आयात करता है अगर वह जैव ईंधन के विकल्प पर विचार करें तो इससे घरेलू उत्पादकों के लिए 40,000 करोड़ रुपये का बाजार पैदा होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विमानन जैव ईंधन को अमेरिका और ब्रिटेन में व्यापक तौर पर स्वीकार किया जाता है। अगर हम भी इसका उपयोग करें तो हम अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बचा सकते हैं। इन कदमों से हमारा तेल आयात कम होगा। वहीं हम कोयले की जगह नेपियर घास का इस्तेमाल करें तो उन्हें भरोसा है कि इससे देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
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