मास्को: रूस में संवैधानिक संशोधनों को अंतिम रूप देने के लिए 22 अप्रैल को होने वाला जनमत संग्रह स्थगित कर दिया गया है। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुए हालातों को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया है। इसकी वजह से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजनीतिक एजेंडे को बड़ा झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि ये संवैधानिक संशोधन व्लादिमीर पुतिन को 2036 तक सत्ता में रहने की इजाजत देंगे। कोरोना वायरस संकट को देखते हुए जनमत-संग्रह को टाल दिया गया है। इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी की 1945 की शिकस्त की याद में नौ मई को मनाए जाने वाले विजय दिवस समारोह की भी टलने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल शुरुआत में कोरोना वायरस महामारी को रूसी प्रशासन ने ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया था, लेकिन अब कोरोना संक्रमण पुतिन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में पुतिन की राजनीतिक लोकप्रियता इस बात पर निर्भर करती है कि वह इस महामारी को नियंत्रण कर पाते हैं या नहीं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि व्लादिमीर पुतिन को वर्ष 2024 के बाद भी दो और कार्यकाल के लिए पद पर बने रहने की इजाजत देने वाले संशोधन को संसद से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, किन्तु इस पर सरकार जनमत संग्रह कराना चाहती है।
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