नई दिल्ली: भाजपा सांसद रूपा गांगुली बीरभूम की घटना के बारे में जानकारी देते हुए राज्यसभा में रो पड़ीं। उन्होंने सदन में कहा कि, 'हम पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करते हैं। वहां सामूहिक हत्याएं की जा रही हैं। लोग वहां से पलायन कर रहे हैं। राज्य अब रहने योग्य नहीं बचा है।' राज्यसभा में उन्होंने कहा कि, 'पश्चिम बंगाल में लोग बोल नहीं सकते। सरकार कातिलों को बचा रही है। कोई ऐसा दूसरा प्रदेश नहीं है, जहां सरकार चुनाव जीतने के बाद लोगों को मारती है। हम मनुष्य हैं। हम पत्थर दिल की सियासत नहीं करते।'
भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने आज राज्यसभा में बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों को जिन्दा जलाकर मार डालने की घटना का जिक्र किया, जिसका तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सदस्यों ने कड़ा विरोध करते हुए जमकर शोरगुल और हंगामा किया। इस वजह से सदन की कार्यवाही करीब 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। गांगुली ने शुन्य काल के दौरान जैसे ही बीरभूम में आठ लोगों को जिन्दा जलाकर मारने की घटना का जिक्र किया, वैसे ही TMC सदस्य अपनी सीट पर खड़े होकर, उसका जोरदार विरोध करने लगे। इसके बाद भाजपा के सदस्य भी अपनी सीट से TMC के सांसदों का विरोध करने लगे, जिसके चलते भारी शोरगुल और हंगामा होने लगा।
इस दौरान रूपा गांगुली भावुक हो गयी और रोने लगी। इस दौरान दोनों पक्षों की तरफ से एक दूसरे के खिलाफ नारे भी लगाए गए। गांगुली ने कहा कि पहले लोगों को मारा-पीटा गया और फिर उन्हें बांधकर जिन्दा जला डाला गया। उन्होंने कहा कि बंगाल दक्षिणेश्वर महाकाली की धरती है और वहां भी लोगों को जीने का अधिकार है। बाद में TMC के सदस्य सदन के बीच में आ गए और नारे लगाने लगे। इसी दौरान उपसभापति हरिवंश ने विशेष उल्लेख के लिए सदस्यों का नाम पुकारा, मगर शोरगुल के चलते कुछ सुना नहीं जा सका। हंगामा बढ़ने पर उपसभापति ने 11:55 मिनट पर सदन की कार्यवाही को 12:10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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