नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी को लेकर बहुत बड़ी खबर सामने आई है कि देश में अब कोरोना संक्रमण के दूसरे स्वरूप (म्यूटेशन) गायब होते हुए नज़र आ रहे है। हालांकि, दोबारा से संक्रमित करने वाला डेल्टा या फिर इससे जुड़े अन्य म्यूटेशन चिंता का विषय बन चुका है। इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 1,15,101 सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग करने में कामयाबी हासिल हो चुकी है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार इनमें से 45,394 (69 प्रतिशत) में गंभीर श्रेणी के म्यूटेशन पाए गए है। इनमें से 41 हजार नमूनों में डेल्टा और डेल्टा प्लस जैसे आक्रामक म्यूटेशन देखने को मिले है। इतना ही नहीं 28,820 में डेल्टा, 5,450 में डेल्टा प्लस और 6,611 में एवाई श्रेणी के म्यूटेशन पाए गए है। इन्साकॉग ने बोला है कि देश में अब वायरस के दूसरे म्यूटेशन कमजोर होते जा रहे है। गामा जैसे म्यूटेशन तो बिल्कुल पूरी तरह से खत्म हो चुके है। कोविड-19 में दूसरा कोई बड़ा म्यूटेशन अब तक नहीं होने की जानकारी भी है।
खत्म नहीं हुई जंग, किसी स्तर पर न हो लापरवाही: स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बोला है कि कोविड से जंग अंतिम चरण में है। राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में उन्होंने बोला है कि ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
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