नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों को लेकर भारत का नजरिया एक बार फिर साफ किया। जी दरअसल साइप्रस के लारनाका में भारतीय प्रवासियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा कि हमारी सीमाओं पर चुनौतियां हैं जो कोविड के दौरान बढ़ गई हैं। चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हैं क्योंकि हम एलएसी को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए सहमत नहीं हैं। इसी के साथ आगे उन्होंने कहा, ''भारत को लेकर काफी उम्मीदें हैं क्योंकि हमें एक ऐसे देश के रूप में देखा जाता है जो समस्याओं को हल करता है। हमें एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश के रूप में देखा जाता है और हमें एक स्वतंत्र देश के रूप में भी देखा जाता है।''
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वहीं इस दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि, 'मूल मुद्दों पर कोई समझौता नहीं है क्योंकि कोई भी देश आतंकवाद से उतना पीड़ित नहीं है जितना हम हैं। हम बहुत स्पष्ट रहे हैं कि हम कभी भी आतंकवाद को सामान्य और तर्कसंगत नहीं बनाएंगे।' इसी के साथ पाकिस्तान पर एक परोक्ष हमला बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, 'भारत को बातचीत की मेज पर मजबूर करने के लिए आतंकवाद को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।'
केवल यही नहीं बल्कि जयशंकर ने साइप्रस में भारतीय प्रवासियों से बातचीत के दौरान पाकिस्तान का नाम लिए बगैर यह भी कहा, 'हम इसे कभी भी सामान्य नहीं करेंगे। हम कभी भी आतंकवाद को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर नहीं होने देंगे। हम सभी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं। लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंध होने का यह मतलब बहाना बनाना या दूर से देखना या आतंकवाद को युक्तिसंगत बनाना है। हम इसे लेकर बहुत स्पष्ट हैं।'
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