नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने दिल्ली के सीएम और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की रिहाई की मांग को लेकर संसद भवन परिसर में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर जवाब देने की भी मांग की। इसके साथ ही AAP नेताओं ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी बहिष्कार किया। हालाँकि, केजरीवाल को कई बार याचिकाएं लगाने के बावजूद अदालतों से जमानत भी नहीं मिल रही है ,
इससे पहले AAP नेता संदीप पाठक ने आरोप लगाया कि CBI का एकमात्र उद्देश्य है कि भाजपा के आदेश के आधार पर अरिवंद केजरीवाल को किसी भी तरह जेल के भीतर रखना है। संदीप पाठक ने दावा किया कि देश ने देखा कि कैसे ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि ED पक्षपातपूर्ण है। ट्रायल कोर्ट ने कहा कि इस मुकदमे में कोई दम नहीं है और सारे लोग बेकसूर हैं। इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई और आदेश पर रोक लगा दी गई। माना जा रहा था कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में जाएगा और केजरीवाल को जमानत मिल जाएगी। इसलिए उन्होंने CBI को आगे कर दिया।
AAP नेता पाठक ने कहा कि उनका मकसद मामले को सुलझाना और इंसाफ दिलाना नहीं है। वे केवल अरविंद केजरीवाल को जेल के भीतर रखना चाहते हैं। यह तानाशाही का सबसे खतरनाक तरीका है। यह सभी लोगों को दिख रहा है कि यह गलत हो रहा है, मगर यह चल रहा है। दरअसल, CBI द्वारा कोर्ट के आदेश के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा था कि वह इंडिया गठबंधन के नेताओं से इस मुद्दे को संसद में उठाने की मांग करेंगे। संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि एजेंसियां भाजपा के आदेश पर काम कर रही है। AAP नेता ने बताया था कि इस मुद्दे पर CPI और CPIM ने AAP को सपोर्ट करने का वादा किया है।
वहीं, सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने एक्स पर लिखा कि उनके पति को 20 जून को जमानत दे दी गई थी, मगर ईडी ने तुरंत हाई कोर्ट से इस पर स्थगन ले लिया। अगले ही दिन CBI ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा सिस्टम इस प्रयास में है कि केजरीवाल जेल से बाहर न आ सकें। उन्होंने इसकी तुलना तानाशाही और आपातकाल से की है।
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