मुंबई: समीक्षा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के रईस उद्योगपतियों में शामिल मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani Security) की सुरक्षा में इजाफा किया है। रिपोर्ट के अनुसार खुफिया एजेंसियों द्वारा खतरे के आंकलन के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाते हुए जेड ‘प्लस’ (Z+) कर दी गई है। मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हैं। अब खतरे की आशंका को देखते हुए उन्हें ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा दी गई थी। अब उस सुरक्षा कवर को और बढ़ा दिया गया है।
बता दें कि गत वर्ष उनके आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के बाद उनकी सुरक्षा को मजबूत करने पर बहुत दिनों से मंथन चल रहा था। गत माह 15 तारीख को भी किसी अज्ञात व्यक्ति ने रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल की लैंडलाइन नंबर पर फोन कर मुकेश अंबानी परिवार को मारने की धमकी दी थी। इसके बाद मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन को दे दी गई थी। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जाँच शुरू कर दी थी।
गृह मंत्रालय ने यह फैसला इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की रिपोर्ट पर लिया है। IB की रिपोर्ट में मुकेश अंबानी की जान को खतरा बताया गया है। वहीं, इस सुरक्षा व्यवस्था का पूरा खर्च मुकेश अंबानी को ही वहन करना होगा। इससे पहले भी Z श्रेणी की सुरक्षा का खर्च रिलायंस ही उठाता रहा था। बता दें कि मुकेश अंबानी की जब Z श्रेणी की सुरक्षा दिया गया था, तब इसको लेकर बहुत विवाद हुआ था। यहाँ तक कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गया था। हालाँकि, इस मामले में शीर्ष अदालत ने फैसला मुकेश अंबानी के पक्ष में सुनाया था।
बता दें कि, Z+ सुरक्षा का दूसरा सर्वोच्च स्तर है। इससे ऊपर SPG सुरक्षा होती है, जो केवल प्रधानमंत्री को मिली होती है। Z+ सुरक्षा कवरेज में 58 सुरक्षाबल तैनात होते हैं, जिनमें से 10+ NSG कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं। इनमें से प्रत्येक कमांडो मार्शल आर्ट का भी विशेषज्ञ होता है और उसे निहत्था युद्ध प्रशिक्षण मिला होता है। Z+ कैटेगरी की सुरक्षा मिलने के बाद 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड, 6 PSO, दो एस्कॉर्ट में 24 जवान, दो शिफ्ट में 5 वॉचर्स तैनात रहते हैं। वहीं, एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर इंचार्ज के रूप में तैनात रहता है। उस VIP के घर में आने-जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करने के लिए 6 लोग तैनात रहते हैं। इसके साथ ही, 6 ड्राइवर भी दिए जाते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में अब खड़गे की एंट्री, गांधी परिवार को मिला एक और 'वफादार' उम्मीदवार
'पूर्व की सरकारें आतंकियों को च्यवनप्राश खिलाती थीं..', PFI बैन पर साध्वी प्राची के बोल
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब थरूर बनाम दिग्विजय ! किसे मिलेगी कुर्सी ?