मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण मिल रही चुनौती से निपटने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी कटौती का ऐलान किया है. दिलचस्प यह है कि रिलायंस को वित्त वर्ष 2019-20 में 39,880 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था और इस वेतन कटौती से रिलायंस को वार्षिक 600 करोड़ रुपये की बचत होगी. हालाँकि, अधिकतर जानकार इस कटौती का तर्क समझ नहीं पा रहे हैं, क्योंकि इससे RIL को कुछ ख़ास लाभ नहीं मिलने वाला है .
उल्लेखनीय है कि यह वेतन कटौती केवल हाइड्रोकार्बन कारोबार (रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल) के कर्मचारियों की होगी और वार्षिक 15 लाख रुपये से अधिक वेतन वालों की होगी. इसके अलावा सीनियर एग्जीक्यूटिव्स का 30 से 50 फीसदी वेतन काटा जाएगा. खुद चेयरमैन मुकेश अंबानी एक पैसे की सैलरी नहीं लेंगे, जबकि उनकी वार्षिक सैलरी 15 करोड़ रुपये है.
वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी RIL ने कर्मचारियों को विभिन्न तरह का फायदा देने पर लगभग 6,067 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. RIL की अकेले कमाई रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल व्यवसाय से होती है. कंपनी ने मार्च तिमाही में कर्मचारियों के वेतन पर 1,506 करोड़ रुपये खर्च किया था. कंसॉलिडेटेड स्तर पर देखें तो रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल समेत पूरे रिलायंस इंडस्ट्रीज का 2019-20 में कर्मचारियों का वेतन खर्च 14,075 करोड़ रुपये था.
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