नई दिल्ली: घरेलू तेल की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार निरंतर निर्णय ले रही है। इसको लेकर आज खाद्य सचिव ने बताया कि केंद्र और प्रदेश मिलकर कमोडिटी के दामों पर दूसरे देशों की तुलना में अधिक तेजी से नियंत्रण कर रही है। सरकार रोजमर्रा उपयोग किए जाने वाले खाद्य सामग्रियों के दामों को नियंत्रित में रखने के लिए तमाम स्तरों पर काम कर रही है। प्रदेशों, FCI सहित सभी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
वही प्रत्येक सप्ताह अंतर मंत्रालयी समिति बैठक कर कीमतों पर नियंत्रण एवं निगरानी के लिए निरंतर कदम उठाया जा रहा है। दीवाली पर्व के मौके पर कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रदेशों को कदम उठाने के लिए कहा गया है। मस्टर्ड ऑयल का उत्पादन दस लाख मिट्रिक टन बढ़ा है। दामों में फरवरी 2022 तक गिरावट देखी जाएगी, मगर अन्य तेलों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ने के कारण उसकी भी कीमत बढ़ी।
वही मुनाफाखोरी के कारण कीमतों में वृद्धि के खिलाफ कड़े कदम उठाने को लेकर प्रदेश सरकारों को मंत्रालय द्वारा आज फिर एक चिट्ठी भेजी जा रही है, जिससे त्योहारों के दौरान कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो। प्याज के दामों को लेकर खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि प्याज की कीमतें नियंत्रण में है। इसके दामों में उस प्रकार का उछाल नहीं आया है। वर्तमान में हालात सामान्य है। प्याज के निर्यात पर किसी प्रकार के प्रतिबंध की संभावना नहीं है। केंद्र प्रदेशों को 26 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज उपलब्ध करवा रहा है।
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