भीलवाड़ा: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 59000 से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है. मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान का भीलवाड़ा जिला पिछले महीने कोरोना वायरस संक्रमण का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था. वहां अब 17 संक्रमितों के ठीक होने की खबर है. शुक्रवार को राज्य के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित 17 लोग ठीक हुए हैं, उनमें से नौ को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.अधिकारियों ने कहा कि भीलवाड़ा 26 संक्रमितों और दो मरीजों की मौत के साथ राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला था, लेकिन यहां 30 मार्च से एक भी कोविड-19 का नया मामला सामने नहीं आया है.
जानकारी के लिए हम बता दें कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य), रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि यह भारी रोकथाम और जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करने के कारण संभव हुआ है. प्रशासन ने कर्फ्यू को सख्ती से लागू किया. 20 लाख से अधिक लोगों का व्यापक सर्वेक्षण किया गया और हमनें इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान की. वहीं यह भी पता चला है कि ठीक हुए 17 लोगों का इलाज 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' (एचसीक्यू), टैमीफ्लू और एचआईवी की दावाई के साथ किया गया. भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कहा कि जिन 17 लोगों को का इलाज किया गया है, उनमें से नौ का कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आया है. इन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 14 दिन तक घर में क्वारंटीन रहने के लिए कहा गया है.
पुलिस पहुंचाएगी जरूरत के सामान: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि प्रशासन किसी भी तरह के मामले को हल्के में नहीं लेना चाहता है. इसलिए जिले में लगे कर्फ्यू को 10 दिन के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है. इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकानें भी बंद रहेंगी, लेकिन लोगों के दरवाजे पर जरूरत के सामान मुहैया कराए जाएंगे. जनता को अपनी आवश्यकता हेल्पलाइन नंबर पर पर कॉल कर हमें बताना होगा. इस 10-दिन की अवधि के दौरान केवल दो बार ही सब्जियों की आपूर्ति की जाएगी. सिंह ने कहा कि हम एक चूक की वजह से फिर काबू में आए हालात को खराब नहीं करना चाहते हैं. यही वजह है कि 10 दिन के लिए कर्फ्यू लगाया गया है क्योंकि यह अवधि महत्वपूर्ण है. जिला कलेक्टर कार्यालय की 26 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार पहला कोरोना पॉजिटिव मामला 19 मार्च को एक निजी अस्पताल में पाया गया था. जहां एक डॉक्टर ने मरीज का पॉजिटिव परीक्षण किया था. जल्द ही अस्पताल लगभग 17 लोगों के साथ प्रकोप का केंद्र बन गया, उनमें से सभी अस्पताल के कर्मचारी और मरीज थे, जिनका टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था.
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