कोविड 19 से जंग के लिए कोई टीका ईजाद होने में अभी लंबा समय लग सकता है. वायरस से निपटने में सक्षम कोई नई दवा बनाना भी रातोंरात का खेल नहीं है. यही कारण है कि वैज्ञानिक अन्य बीमारियों में पहले से प्रयोग में आ रही दवाओं में संभावना तलाश रहे हैं. एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर इस मामले में सबसे आगे चल रही है. अब तक के परीक्षण में इसे कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति को ठीक करने में सबसे तेज पाया गया है.
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इस मामले को लेकर अमेरिका के मिल्केन इंस्टीट्यूट के ट्रैकर के मुताबिक, इस समय 130 से ज्यादा दवाओं का ट्रायल चल रहा है. इनमें से कुछ दवाएं वायरस के प्रसार को रोकने में सक्षम पाई गई हैं, तो कुछ दवाएं इम्यून सिस्टम की अतिसक्रियता को कम करने में सहायक हैं. कोरोना वायरस का संक्रमण अन्य वायरस की तुलना में शरीर में धीरे-धीरे फैलता है, इसलिए कई बार इम्यून सिस्टम की अतिसक्रियता अंगों को नुकसान पहुंचा देती है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सीएसआइआर से संबद्ध इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन, जम्मू के डायरेक्टर राम विश्वकर्मा ने कहा कि अभी सबसे प्रभावी तरीका यही है कि पहले से ही इस्तेमाल में आ रही किसी दवा को कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल किया जाए. क्लीनिकल ट्रायल में चल रही दवा रेमडेसिविर इसका बेहतर उदाहरण है. रेमडेसिविर लोगों को तेजी से ठीक होने में मदद करती है और कोरोना के कारण गंभीर रूप से बीमार लोगों में जान जाने की आशंका को कम करती है.
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