भुवनेश्वर: पुरातात्विक स्मारकों को सूचीबद्ध करने का कार्य करने वाले शोध समूह की एक टीम ने बताया कि उन्होंने ओडिशा के पुरी शहर में एक प्राचीन मंदिर के अवशेष की खोज की है, जो संभवत: 13वीं-14वी शताब्दी का है। रीडिस्कवर लॉस्ट हैरिटेज टीम के चार मेंबर्स ने पुरी शहर से 31 किलोमीटर दूर बलंगा क्षेत्र में भार्गवी नदी के मुहाने के पास खंडहर का पता लगाया। यह टीम अभी रत्नाचिरा घाटी के पुरातात्विक स्मारकों को सूचीबद्ध करने का काम कर रही है।
वही इस शोध प्रोजेक्ट के समन्वयक दीपक नायक ने कहा कि प्राचीन मंदिर के अवशेष नदी के किनारे बिखरे हुए प्राप्त हुए हैं। नायक ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मंदिर की चीजों को देखते हुए यह 13वीं-14वीं शताब्दी या उससे भी पहले का लगता है। मंदिर के कई भागों को ग्रामीण निर्माण के लिए उठा ले गए। वहीं नदी के मुहाने तक लगभग दो दर्जन प्राचीन नक्काशीदार खंड हैं।
वही टीम का नेतृत्व कर रहे अनिल धीर ने कहा कि रत्नाचिरा घाटी पुरातात्विक आश्चर्यों से भरी है तथा इनमें से अधिकांश अज्ञात हैं क्योंकि इन्हें दर्ज करने का कार्य नहीं हुआ है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, प्रभु श्री राम ने देवी सीता की प्यास बुझाने के लिए उनकी मोती की अंगूठी से नदी के बहाव की दिशा परिवर्तित कर दी थी। यह प्राचीन नदी वर्ष के अधिकांश वक़्त सूखी ही रहती है। धीर ने प्रदेश पुरातत्व विभाग से रत्नाचिरा घाटी के पूरे 60 किलोमीटर का उचित सर्वेक्षण करने तथा स्मारकों को दर्ज करने का आग्रह किया है।
लव जिहाद: गुजरात धर्मान्तरण कानून की कुछ धाराओं पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
आज इन राशि के लोगों के साथ हो सकता है कुछ अशुभ, यहां जानिए आज का राशिफल
आखिर क्यों एकादशी के दिन नहीं खाया जाता है चावल? जानिए इसके पीछे की वजह