ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को विलासिता का ग्रह माना गया है. यदि कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी है तो ऐसा व्यक्ति मन चाहा खर्च करता है और विलासितापूर्ण जीवन जीता है .जबकि शुक्र की स्थिति खराब होने पर जीवन संघर्षपूर्ण रहता है . पैसों की कमी, संबंधों में कड़वाहट, जीवन में प्रेम का अभाव रहता है .गूलर के पेड़ को शुक्र ग्रह से संबंधित माना गया है. इस पेड़ की जड़ से शुक्र दोषों को दूर कर सकते हैं. शुक्र ग्रह के लिए गूलर की लकड़ियां, फूल और जड़ तीनों शुक्र के दोष को कम करने में काम आती हैं.
गूलर के प्रयोग : गुरुवार शाम को गूलर की जड़ का टुकड़ा लेकर आएं. उसे कच्चे दूध और गंगाजल से धोकर अच्छे से साफ कर लें .फिर उस जड़ की कुंकुम-चावल आदि से पूजा करके भगवान के मंदिर में रख दें.अगले दिन शुक्रवार सुबह नहाने के बाद 108 बार ऊँ शं शुक्राय नमः मंत्र का जाप करें.फिर उस जड़ के टुकड़े को चांदी के लॉकेट में डाल कर चांदी की चेन में पहन लें. इससे शुक्र के कारण जीवन में आ रही परेशानियों से बहुत राहत मिल जाएगी.
दूसरा विकल्प यह है कि अगर लॉकेट ना पहनना चाहें तो किसी शुक्रवार की शाम गूलर की लकड़ियों से ऊँ शं शुक्राय नमः मंत्र के साथ हवन करना चाहिए. इससे भी शुक्र दोष का निवारण होता है.किसी बगीचे में गूलर का पेड़ लगाने से भी शुक्र ग्रह प्रसन्न होते हैं.
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