केरल : धर्म निरपेक्ष भारत में हिन्दू शायद दोयम दर्ज़े के नागरिक है, तभी सेक्युलर भारत में हिन्दुओ के साथ होने वाले अत्याचार प्रायः भुला दिए जाते है हिन्दुओ के साथ अत्याचार के इतिहास की एक बड़ी लम्बी लिस्ट है । ऐसा ही एक नरसंहार आज से 19 बरस पहले केरल में हुआ था जब केरल के मराड में 8 हिंदू मछुआरों को इंडियन मुस्लिम लीग (IUML) के कट्टरपंथियों ,पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सीपीआई (एम) जैसे वामपंथी संगठनों की नियोजित योजना के तहत मार डाला गया था।
इस घटना के लिए मस्जिद को आतंकी अड्डे की तरह तैयार किया गया था, जहाँ पहले से तलवार, चाकू, देसी बम छिपा दिए गए थे। इन हथियारों का उपयोग बाद में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं को मारने के लिए किया गया। हमले में 8 हिंदुओं की निर्मम हत्या कर दी गई और 16 हिंदू गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनमें 2 महिलाएँ भी शामिल थीं। इस घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया जब हिंदू मछुआरे मराड बीच के किनारे शांति से बैठे हुए थे और कुछ श्रद्धालु मंदिर में पूजा-पाठ करके घर लौट रहे थे। उनको कुछ भनक पड़ती इससे पहले अचानक कट्टरपंथियों की भीड़ ने तलवार, चाकू, लाठी, डंडों के साथ हमला कर दिया और हिंदुओं को मारना शुरू कर दिया। हमलावरों ने बम भी फेंका, जो फटा नहीं। अगर वह बम फटता, तो कई हिंदुओं की जान जा सकती थी।
हमलावर घटना के बाद मस्जिद लौट गए और खून से सने कपड़े और हथियारों को छिपा दिया। इस दौरान मुस्लिम महिलाओं ने मस्जिद के बाहर ह्यूमन चेन बनाकर पुलिस को मस्जिद में प्रवेश करने से रोका। लेकिन पुलिस ने चेन को तोड़कर मस्जिद में प्रवेश किया और वहां 90 देसी बम और 40 चाकू बरामद किये गए । मराड नरसंहार एक पूर्व नियोजित साजिश थी, जिसे पीएफआई, पीडीपी, मुस्लिम लीग के कट्टरपंथियों ने रचा था। जाँच के दौरान पाया गया कि कट्टरपंथी एक साल पहले से हमले की तैयारी कर रहे थे। वे 2002 में पानी विवाद के कारण हुई झड़प में मुस्लिमों की मौत का बदला लेना चाहते थे।
2003 Marad massacre: 8 Hindus were killed by Islamic extremists in Kerala.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) June 2, 2023
Judicial commission concluded leaders of Indian Union Muslim League (IUML) were involved in massacre.
62 Islamists sentenced to life imprisonment for massacre & most of them are members of Muslim League. pic.twitter.com/xgB3IEV95v
जाँच में पाया गया कि हमलावर मुस्लिम लीग, कॉन्ग्रेस, और एनडीएफ जैसे संगठनों से जुड़े थे। केरल की वामपंथी सरकार पर भी आरोप लगा कि वे इस घटना को रोकने में विफल रहीं।मराड नरसंहार के 19 साल बीत चुके हैं। 2009 में 148 आरोपियों में से 62 को उम्रकैद और 1 को 5 साल की सजा दी गई। केरल हाई कोर्ट ने 24 अन्य को भी उम्रकैद की सजा सुनाई। 2021 में इस मामले में 2 और लोग दोषी पाए गए जो 2010-11 के बाद से फरार थे। पड़ताल के दौरान हैरान करने वाले तथ्य सामने आए और पता चल पाया कि इस हमले को अंजाम देने की फिराक में तो कट्टरपंथी पहले से थे जाँच में मुस्लिम लीग के लोगों को भी समन भेजा गया जिन्होंने स्वीकार किया था कि ये हमला उन मुस्लिमों की मौत का बदला लेने के नीयत से हुआ था।
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