भोपाल: वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के बारे में हाल ही में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के गठन को लेकर देशभर में सियासी हलचल मच गई है। इस विधेयक के माध्यम से वक्फ बोर्ड के कामकाजी तरीके और उसकी भूमिका को लेकर बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जिससे विभिन्न राजनैतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों में बहस छिड़ गई है। इस बीच, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक विवादास्पद पोस्टर ने नया हंगामा खड़ा कर दिया है। यह पोस्टर पुराने विधानसभा भवन, जो अब कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल के नाम से जाना जाता है, के सामने लगाया गया था। इस पोस्टर पर लिखा था, “वक्फ बोर्ड हटाओ, भारत बचाओ,” जिसे लेकर पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
इस पोस्टर की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने तत्परता से कार्रवाई की। जैसे ही यह सूचना अरेरा हिल्स थाना क्षेत्र में पहुंची, पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और पोस्टर को हटा दिया। पुलिस के मुताबिक, पोस्टर पर किसी संस्था या संगठन का नाम नहीं लिखा था, लेकिन इस पर जो संदेश था, उसने विवाद पैदा कर दिया। पोस्टर में यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि वक्फ बोर्ड को हटाया जाना चाहिए। पुलिस ने तुरंत घटना स्थल का निरीक्षण किया, लेकिन अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि इस पोस्टर को किसने और कब लगाया। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति या समूह की पहचान के लिए आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।
यह पोस्टर सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया। कई लोगों ने पोस्टर की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा की, जिसके बाद यह मामला आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया। वायरल होने के बाद इस पोस्टर को लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ ने इसे एक राजनीतिक बयान के रूप में देखा, तो कुछ ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा करार दिया। सोशल मीडिया पर कई लोग इस पोस्टर को लेकर अपनी राय व्यक्त करने लगे, जिससे यह मुद्दा और भी गर्मा गया।
भोपाल में इस तरह के पोस्टर पहले भी लगाए जाते रहे हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब वक्फ बोर्ड के खिलाफ इस तरह का सार्वजनिक विरोध दर्ज किया गया है। इससे पहले भोपाल में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें हिंदू धर्म और संस्कृति से संबंधित अपीलें की गई थीं। उदाहरण के तौर पर, दिवाली से पहले हिंदू संगठनों ने पोस्टर लगाए थे, जिनमें अपील की गई थी कि हिंदू दुकानदारों से ही सामान खरीदी जाए। इसी तरह, मध्य प्रदेश के इंदौर में एक पोस्टर सामने आया था, जिसमें लिखा था, “गजवा ए हिंद नहीं, अब भगवा ए हिंद।” हालांकि, यह पहला मौका है जब वक्फ बोर्ड को लेकर इस तरह का पोस्टर सामने आया है, जो सीधे तौर पर वक्फ बोर्ड की भूमिका और उसके कामकाजी तरीके पर सवाल उठाता है।
वक्फ बोर्ड से जुड़ा यह विवाद और पोस्टर का मामला भारतीय राजनीति और समाज में गहरी चर्चा का विषय बन गया है। वक्फ बोर्ड, जो मुस्लिम धर्मस्थलों एवं संपत्तियों का प्रबंधन करता है, कई बार विवादों में घिर चुका है। इसके कामकाजी तरीके और संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। कई राजनीतिक दल इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों का समर्थन या विरोध करते रहे हैं। इस बार, वक्फ बोर्ड के खिलाफ उठे इस पोस्टर ने इस विवाद को और हवा दे दी है, जिससे यह मुद्दा सियासी और सामाजिक दोनों स्तरों पर चर्चा का कारण बन गया है।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तहकीकात शुरू कर दी है। यह जांच इस पोस्टर को लगाने वाले के साथ-साथ यह भी जानने का प्रयास करेगी कि इसके पीछे कोई बड़े राजनीतिक या धार्मिक संगठन तो नहीं है। पुलिस ने पोस्टर लगाने वाले के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, इस मामले में आगे की स्थिति पर निगाह रखी जा रही है, क्योंकि यह मामला सियासी और सामाजिक तौर पर संवेदनशील बन चुका है।
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