नई दिल्ली. वरिष्ठ साहित्यकार और हिन्दी में सबसे बड़ा उपन्यास लिखने वाले मनु शर्मा का आज सुबह वाराणसी में निधन हो गया. वह 89 वर्ष के थे. शर्मा का उपन्यास ‘‘कृष्ण की आत्मकथा’’ आठ खण्डों में आया है और इसे हिन्दी का सबसे बड़ा उपन्यास माना जाता है. इसके अलावा उन्होंने हिन्दी में तमाम उपन्यासों की रचनाएं की.
मनु शर्मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ अभियान के नवरत्नों में शामिल थे. मनु शर्मा का निधन सुबह करीब पांच बजे उनके पियारी स्थित आवास पर हुआ. वह लम्बे समय से बीमार थे. उनके निधन से साहित्य एवं कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई. उनका जन्म 1928 में फैजाबाद जिले के अकबरपुर में हुआ था.
उनकी प्रमुख पुस्तकों में तीन प्रश्न, राणा सांगा, छत्रपति, एकलिंक का दीवान ऐतिहासिक उपान्यास है. इसके अलावा मरीचिका, विवशता, लक्ष्मण रेखा, गांधी लोटे, सामाजिक उपान्यास तथा द्रौपती की आत्मकथा, द्रोण की आत्मकथा, गंधारी की आत्मकथा और अभिशप्त कथा पौराणिक उपान्यास हैं. इनके अलावा पोस्टर उखड़ गया, मुंशी नवनीत लाल, महात्मा और दीक्षा कहानी संग्रह हैं. खूंटी पर टंगा वसन्त कविता संग्रह है. उस पार का सूरज प्रमुख निबंध है.
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