लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर मतदान के चलते कई स्थानों पर तनावपूर्ण हालात देखने को मिले। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाते हुए कुछ अफसरों के नाम लिए एवं दावा किया कि उनकी पार्टी के वोटर्स को मतदान से रोका गया। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात् अब चुनाव परिणाम का इंतजार है। 23 नवंबर को इन उपचुनावों के लिए मतगणना होनी है, किन्तु प्रदेश में राजनीतिक तनाव अभी भी जारी है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कुंदरकी, मीरापुर एवं सीसामऊ सीटों पर पुनर्मतदान की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उपचुनाव समाजवादी पार्टी एवं पुलिस-प्रशासन के अफसरों के बीच हुआ, जहां प्रशासन ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं की अनदेखी की। रामगोपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी चाहती है कि इन तीन विधानसभा सीटों पर मतदान रद्द कर दोबारा चुनाव कराया जाए।
वही इस मुद्दे पर कटेहरी विधानसभा सीट के प्रभारी शिवपाल यादव का भी बयान सामने आया है। उन्होंने पुलिस-प्रशासन एवं भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा लोकतंत्र की परंपराओं को कमजोर कर रही है। शिवपाल ने दावा किया कि उपचुनावों में पुलिस-प्रशासन ने भाजपा के बोलने पर गलत काम किए। उन्होंने आरोप लगाया कि बूथों पर कब्जा किया गया, वोटर कार्ड छीने गए तथा निष्पक्ष चुनाव कराने में बाधा डाली गई। शिवपाल ने कहा कि प्रशासन की इस धांधली के बाद भी समाजवादी पार्टी पांच से छह सीटों पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ सीटों पर वोटों की लूट के चलते हार हो सकती है, किन्तु पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी।
गौरतलब है कि मतदान के चलते समाजवादी पार्टी ने पुलिस पर अपने मतदाताओं को मतदान से रोकने के आरोप लगाए थे। उन्होंने इस सिलसिले में कुछ वीडियो और तस्वीरें भी जारी की थीं। समाजवादी पार्टी की शिकायत पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा वोट से नहीं, धांधली से उपचुनाव जीतने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के मतदाता वोट डालने नहीं आ रहे, जबकि समाजवादी पार्टी के मतदाताओं को मतदान करने से रोका जा रहा है।
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