नवजात शिशु मृत्युदर पर ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट

नवजात शिशु मृत्युदर पर ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट
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नई दिल्ली: ग्लोबल रिसर्च के अनुसार नवजात और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए आदर्श जन्म अंतराल तीन से पांच साल का है. लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस सालों में, भारत में, 15-29 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं में जन्म के बीच का अंतर 25 महीने से कम होकर 22.5 महीने हुआ है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की 2015-16 की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 महीनों से कम का जन्म अंतराल ( दो लगातार जीवित जन्मों के बीच का समय ) का परिणाम जन्म के समय बच्चे का कम वजन और मृत्यु के रूप में भी हो सकता है.

नाम न बताने की शर्त पर नई दिल्ली स्थित एक जनसांख्यिकी विशेषज्ञ ने कहा, 'असंगत एनएफएचएस डेटा को देखे बिना टिप्पणी करना मुश्किल है, जो 2015-16 तक जारी नहीं किया गया है. हमें यह देखना होगा कि 15-19 साल की महिलाओं में पैदा हुए बच्चों में कितने जीवित या मरे हुए थे और फिर उलझे हुए कारणों की जांच करनी होगा.

उन्होंने बताया कि भारत की बढ़ी हुई नवजात मृत्यु दर के साथ, यह संभव है कि युवा महिलाओं में औसत दर्जे का अंतराल उन लोगों में बढ़ गया है जिनके बच्चों की जन्म लेने के फौरन बाद मृत्यु हुई हो.' किन्तु उन्होंने हिदायत दी है कि अगर दो बच्चों के बीच अंतराल में कमी आई है तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है, इस विषय में भारत के चिकित्सा प्रशासन को जल्द ही कोई ठोस कदम उठाने की जरुरत है.

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