रांची: झारखंड में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए हाई कोर्ट ने शुक्रवार (7 जनवरी) को प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई। दरअसल, हाई कोर्ट ने रिम्स में मेडिकल संसाधनों की कमी तथा कोरोना से निपटने के लिए व्यवस्था की समीक्षा की, जिसके पश्चात् प्रदेश सरकार से नाराजगी व्यक्त की गई। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या जब लोग श्मशान पहुंच जाएंगे, तब आप जागेंगे?
वही प्राप्त खबर के अनुसार, रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन समेत उचित उपकरणों की कमी को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मौखिक अवलोकन किया। चिकित्सा उपकरणों की खरीद में रिम्स के दृष्टिकोण पर हाई कोर्ट ने निराशा व्यक्त की। चीफ जस्टिस रवि रंजन तथा जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने पूछा कि क्या जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के ओमिक्रॉन वैरिएंट के फैलने के पश्चात् ही खरीदी जाएगी।
प्रदेश सरकार से पूछा यह सवाल:-
उन्होंने पूछा, 'ऐसा क्यों है कि कोर्ट को प्रदेश सरकार को उसकी जिम्मेदारियों का एहसास कराना पड़ रहा है?' कोर्ट ने सरकार तथा हॉस्पिटल को जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की खरीद की स्थिति के सिलसिले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि रिम्स में दवा की एक भी दुकान नहीं है। ऐसे में रोगियों को बाहर से दवा खरीदने के लिए विवश होना पड़ता है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री के साथ वर्चुअल बैठक में सीएम बघेल ने किया ये आग्रह
'सिखों को इंडियन आर्मी से हटाने जा रही मोदी सरकार..', Video हुआ वायरल, जानें क्या है सच्चाई
भारतीय रेलवे ने उठाया बड़ा कदम, रद्द की 400 से अधिक ट्रेनें, यहां चेक करें लिस्ट